मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में धर्मांतरण विवाद गरमाया, अवैध कब्जों पर कार्रवाई से राजनीति तेज


चिरमिरी।  मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में धर्मांतरण का मुद्दा अब खुलकर राजनीतिक रंग लेने लगा है। जिले में ‘चंगाई सभा’ के नाम पर चल रहे कथित धर्मांतरण के मामलों को लेकर विवाद पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण व वन क्षेत्र में सक्रिय कुछ संगठनों पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे इलाज और चंगाई के बहाने ईसाई धर्म स्वीकार करवाने का प्रयास कर रहे हैं। इस विषय को लेकर अब सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच टकराव साफ दिखाई देने लगा है।

इसी कड़ी में हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई तब सामने आई, जब वन विभाग ने जंगल की भूमि पर बनाए गए तीन अवैध घरों पर बुलडोजर चलाया। विभाग का दावा है कि ये मकान वन भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाए गए थे। जानकारी के अनुसार, इन मकानों में रहने वाले तीनों परिवार पहले ही ईसाई धर्म अपना चुके थे। बताया गया कि ये परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने का लाभ लेकर जंगल के बीच निर्माण कर रहे थे, और आसपास के ग्रामीणों को भी धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत प्रशासन और वन विभाग से की, जिसके बाद कार्रवाई की गई।

वन विभाग की इस कार्रवाई के बाद अब पूरा मामला राजनीतिक रूप से और भी गर्म हो गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर धर्मांतरण समर्थकों के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है और वन विभाग पर दबाव बनाए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। स्थानीय राजनीतिक नेताओं का तर्क है कि वन विभाग ने कार्रवाई तो की, लेकिन मानविय दृष्टिकोण से बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बेघर कर दिया, जो सही निर्णय नहीं है। वहीं दूसरी ओर दक्षिणपंथी और स्थानीय हिंदू संगठनों का कहना है कि वन भूमि पर अवैध कब्जा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है और धर्मांतरण गतिविधियों को रोकना आवश्यक है।

इस घटना के बाद जिले में सामाजिक और राजनीतिक तनाव बढ़ा है। कई संगठन मामले की जांच की मांग कर रहे हैं, तो कई लोग इस मुद्दे को धार्मिक स्वतंत्रता बनाम अवैध कब्जा के रूप में देख रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि धर्म से जुड़े मुद्दे का कार्रवाई से कोई संबंध नहीं, यह केवल अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया थी।

वहीं ग्रामीण अब मांग कर रहे हैं कि सरकार स्पष्ट रूप से इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस नीति बनाए। कुल मिलाकर, MCB जिला इन दिनों धार्मिक परिवर्तन और वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर राजनीति का केंद्र बन गया है।

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