कोरिया छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के शासकीय बंगले से हुई चोरी के मामले मे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर की कोर्ट ने पुलिस को जांच प्रतिवेदन पेश करने का आदेश दिया है । ज्ञात हो कि उपरोक्त मामले में पुलिस की सुस्त जांच कार्यवाही से क्षुब्ध होकर चिरमिरी के आरटीआई कार्यकर्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर की कोर्ट में याचिका दायर की है ।
उपरोक्त मामले में जानकारी देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद शंकर नगर रायपुर स्थित बंगला क्रमांक सी-2 स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को आबंटित किया गया. स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा बंगला प्राप्त होने पर बंगला का निरीक्षण किया गया, जिसमें उन्होंने पाया कि बंगला क्रमांक सी-2 की सारी वस्तु जो महत्वपूर्ण और कीमती है, चोरी कर ली गई है, इस संबंध में विभिन्न ईलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया में यह समाचार चलाया गया.
लोक निर्माण विभाग विधानसभा संभाग, सिरपुर भवन परिसर, सिविल लाईन रायपुर के द्वारा आर टी आई कार्यकर्त्ता राजकुमार मिश्रा को सूचना का अधिकार पर जानकारी प्रदान किया गया कि वर्ष-2019, 2021 से 2023 तक शंकर नगर मंत्री बंगला सी-2 में प्रयोग किये जाने वाले वस्तुओं से संबंधित चालान की प्रति, प्रदान किये गये वस्तुओं के देयकों की प्रति, वर्तमान में इस बंगले में प्रदाय किये गये सामग्रीयों से संबंधित चालान की प्रति तथा उपरोक्त बंगले में फर्नीचर, बिजली आदि से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी प्रदान किया गया है.
इसके अतिरिक्त आर टी आई कार्यकर्त्ता राजकुमार मिश्रा को सूचना का अधिकार पर लोक निर्माण विभाग संभाग क्र.-1, मुख्य अभियंता सिरपुर भवन परिसर सिविल लाईन रायपुर के द्वारा जानकारी दिया गया कि उक्त बंगला सी-2 को 06 जनवरी 2024 को विभागीय कार्यवाही के तहत रविन्द्र भोसले, उप अभियंता, लोक निर्माण विभाग उप संभाग क्र. -1 रायपुर के द्वारा अधिपत्य में लिया गया है.
आर टी आई कार्यकर्त्ता राजकुमार मिश्रा ने कोर्ट में लिखे शिकायत में आगे लिखा है कि सी-2 बंगले का महत्वपूर्ण वस्तुएँ चोरी या गायब हो चुकी है. शासकीय बंगले सी-2 में प्रयोग किये जाने वाली वस्तुएँ लोक संपत्ति है, इन वस्तुओं को चोरी या गायब करके लोक संपत्ति की क्षति कारित किया गया है. यह कार्य संज्ञेय आपराध की श्रेणी में आता है. संज्ञेय आपराध के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-33 में प्रावधान है कि संज्ञेय अपराध से अवगत व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह इसकी सूचना स्थानीय थाना या सक्षम न्यायालय में दे.
आर टी आई कार्यकर्त्ता राजकुमार मिश्रा ने उक्त विडियों समाचार व उन्हें सूचना का अधिकार पर प्राप्त जानकारी के आधार पर अवगत थे कि उक्त प्रकार का संज्ञेय आपराध घटित हुआ है. इस कारण उनकी जिम्मेदारी है कि वे इसकी सूचना थाना या सक्षम न्यायालय को दें. इस विधिक उत्तरदायित्व के कारण उन्होंने उक्त अपराध के संबंध में लिखित सूचना 07 अगस्त 2024 को सिविल लाईन थाना रायपुर को दिया.
आर टी आई कार्यकर्त्ता के इस सूचना पर सिविल लाईन थाना रायपुर के द्वारा जाच आरंभ किया गया, इस संबंध में 04 सितंबर 2024 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-179 के तहत आर टी आई कार्यकर्त्ता को नोटिस भेजकर उनका कथन दर्ज किया गया.
जांच के बिंदु
उक्त मंत्री बंगला क्रमांक सी-2, कांग्रेस सरकार में नगरीय निकाय मंत्री डा. शिव डहरिया को आवंटित किया गया था, उनके खाली करने के बाद वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को आवंटित किया गया है. इसी बीच उक्त मंत्री बंगला की महत्वपूर्ण और किमती वस्तुएँ गायब या चोरी हुई है
इस बिंदु पर जांच होनी चाहिए कि पूर्व मंत्री डा. शिव डहरिया के द्वारा मंत्री बंगला क्रमांक सी-2 खाली करने के पूर्व उपरोक्त प्रकार का चोरी अथवा वस्तुएं गायब हुई है या उनके मंत्री बगला लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को हैडोवर करने और अन्नपति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात सामान गायब किया गया है. यदि पूर्व मंत्री शिव डहरिया को अन्नपति प्रमाण पत्र देने के पश्चात मकान में चोरी अथवा सामान गायब हुआ है तो लोक निर्माण विभाग का यह अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार है और यदि उनको अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के पूर्व उक्त प्रकार का चोरी अथवा सामान गायब हुआ है तो ऐसी स्थिति में पूर्व मंत्री शिव डहरिया को अनापत्ति प्रमाण पत्र किस आधार पर और क्यों दे दी गई है?
इसके पश्चात् विधिवत इस बिंदु पर भी जांच होना चाहिए कि क्या सचमुच मंत्री बगाला क्रमांक सी-2 में चोरी हुआ है अथवा वहां से उक्त घरेलू सामान निकाल लिया गया है जिसने उक्त सामान निकाला है उस पर आपराधिक कार्रवाई किया जाना चाहिए.
उक्त चोरी के संबंध में जिन मिडिया कर्मियों ने विडियो बनाया है, लोगों का बाईट लिया है या किसी भी प्रकार का साक्ष्य एकत्रित किया है. उनका कथन दर्ज किया जाना चाहिए, निश्चित रूप से इस तरह से आपराध का पता लगाया जा सकता है.
वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री उक्त घटना से अवगत है, यदि उनके पास कोई साक्ष्य उपरोक्त घटना के संबंध में हो तो एकत्रित किया जाना चाहिए.
लोक निर्माण विभाग के सक्षम अधिकारी- जिम्मेदार अधिकारी का उक्त संबंध में कथन दर्ज किया जाना चाहिए. उनसे उक्त सबंध में समस्त दस्तावेज जप्त किया जाना चाहिए. इससे घटना की सत्यता का पता लगाया जा सकता है.
उपरोक्त तथ्यों और पुलिस के लापरवाही पूर्वक जांच से दुखी होकर आईटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने रायपुर न्यायालय में जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश देने का आवेदन कुमारी आकांक्षा बेक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर के न्यायालय में पेश किया है, न्यायालय ने दिनांक 21 जनवरी 2025 को थाना प्रभारी सिविल लाइन रायपुर को जांच कर प्रतिवेदन पेश करने का निर्देश दिया है.
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