कोरिया बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले में सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को लेकर एक सकारात्मक परिवर्तन की लहर चल रही है। जिला प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा मिलकर चलाए जा रहे विशेष नेत्र परीक्षण अभियान के अंतर्गत 09 मई को ग्राम बुडार में आठवां निःशुल्क नेत्र शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर न केवल नेत्र परीक्षण तक सीमित रहा, बल्कि इसमें प्रशासनिक व्यवस्था, सामाजिक भागीदारी और नागरिक जागरूकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
सड़क सुरक्षा के लिए दृष्टि परीक्षण — समय की माँग
01 मई से 22 मई 2025 तक चल रहे इस विशेष अभियान का प्रमुख उद्देश्य वाहन चालकों की दृष्टि जांच कर उन्हें सुरक्षित वाहन संचालन के लिए प्रेरित करना है। आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण वाहन चालकों की कमजोर दृष्टि होती है। ऐसे में यह अभियान न केवल अत्यंत प्रासंगिक है, बल्कि इसका प्रभाव भी तुरंत दिखाई देने लगा है। यह विशेष रूप से उन चालकों के लिए वरदान है, जो आर्थिक या अन्य कारणों से नियमित नेत्र परीक्षण नहीं करवा पाते।
जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत के कुशल निर्देशन में इस अभियान को जिलेभर में विस्तार दिया जा रहा है। उन्होंने शिविर स्थल पर स्वयं उपस्थित होकर वाहन चालकों को जागरूक किया और उन्हें नियमित दृष्टि परीक्षण के लिए प्रेरित किया।
नेत्र शिविर: जहाँ सेवा और समर्पण मिला जनकल्याण से
ग्राम बुडार में आयोजित यह आठवां शिविर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला। शिविर में कोरिया जिले के आसपास से आए सैकड़ों वाहन चालकों ने अपनी आंखों की जांच करवाई। इस दौरान अनुभवी नेत्र विशेषज्ञ मोहसीन रज़ा और उनकी टीम ने सावधानीपूर्वक प्रत्येक चालक की दृष्टि जांच की। जिन चालकों में दृष्टिदोष पाया गया, उन्हें तुरंत निःशुल्क चश्मे और दवाएं दी गईं। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सहायक रही, बल्कि चालकों में आत्मविश्वास और सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ी।
सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय भूमिका — सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण
इस शिविर की सफलता में सामाजिक संस्था ‘आर्थो वेलफेयर फाउंडेशन’ की भूमिका सराहनीय रही। संस्था के सदस्य — मनोज कुमार मंडल, कु. नंदनी, आकांक्षा गिद्ध, माही पंकज और सरिता कुर्रे — पूरे समय आयोजन स्थल पर सक्रिय रहे। उन्होंने न केवल व्यवस्थाएं संभालीं, बल्कि वाहन चालकों को आवश्यक जानकारी और सहयोग भी प्रदान किया। यह उदाहरण दर्शाता है कि प्रशासन और सामाजिक संगठन यदि साथ मिलकर काम करें, तो किसी भी जनहित कार्य को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सकता है।
संस्था के अध्यक्ष शकील अहमद ने शिविर में आए चालकों को संबोधित करते हुए कहा, "दृष्टि की स्पष्टता केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य से जुड़ी नहीं है, यह सार्वजनिक सुरक्षा का भी आधार है। सभी चालकों को नियमित नेत्र परीक्षण कराना चाहिए।
जन प्रतिक्रिया: एक सकारात्मक संकेत
शिविर में आए वाहन चालकों और स्थानीय ग्रामीणों ने इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कई चालकों ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वे अपनी आंखों की नियमित जांच नहीं करवा पाते थे। यह शिविर उनके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ। नागरिकों ने प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं का आभार व्यक्त किया और अपेक्षा जताई कि भविष्य में भी ऐसे शिविरों का आयोजन होता रहे।
आगे की योजना: अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना है लक्ष्य
जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत 22 मई तक जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के नेत्र शिविर आयोजित किए जाएंगे। उनका उद्देश्य है कि हर वाहन चालक तक यह सुविधा पहुंचे और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने समस्त वाहन चालकों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपनी आंखों की जांच अवश्य कराएं।
निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक पहल
ग्राम बुडार में आयोजित यह नेत्र शिविर इस बात का प्रमाण है कि जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आमजन एकजुट होकर किसी जनहित कार्य को अंजाम देते हैं, तो वह केवल एक कार्यक्रम नहीं रह जाता, बल्कि एक जनांदोलन का रूप ले लेता है। यह शिविर स्वास्थ्य सेवा, सड़क सुरक्षा और सामाजिक जागरूकता का अनूठा संगम रहा, जो आने वाले समय में कोरिया जिले को एक नए मुकाम तक ले जा सकता है। यह पहल पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरी है।
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