नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
चरचा कालरी.......खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति, समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक भी होता है। ऐसा ही एक उदाहरण है अखिल भारतीय सेशन स्मृति फुटबॉल प्रतियोगिता* जो इस वर्ष अपने 49वें फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन कर रही है। यह प्रतियोगिता स्वर्गीय आर. सेशन की स्मृति में आयोजित की जाती है, जो चर्चा क्षेत्र के प्रबंधक थे और फुटबॉल के प्रति अत्यधिक लगाव रखते थे। वे कर्मियों के हितैषी भी थे और खेल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते थे। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए इस प्रतियोगिता की शुरुआत की गई थी, जो आज भी अनवरत रूप से जारी है।
इस प्रतियोगिता के आयोजन हेतु महाजन स्टेडियम* का निर्माण किया गया, जिसे स्वर्गीय एम. एल. महाजन की स्मृति में समर्पित किया गया। महाजन जी भी फुटबॉल के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और उन्होंने अपने व्यक्तिगत धन से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। जैसे-जैसे प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और दर्शकों की संख्या बढ़ने लगी, उन्होंने स्टेडियम के निर्माण का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने स्वयं नक्शा तैयार कराया, एस्टीमेट बनवाया और बिलासपुर मुख्यालय जाकर स्वीकृति प्राप्त की। इस तरह महाजन स्टेडियम अस्तित्व में आया और यह आज देशभर के फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक पवित्र स्थल बन चुका है।
स्वर्गीय आर. सेशन और स्वर्गीय एम. एल. महाजन के अथक प्रयासों से चर्चा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा आज देशभर के *हर फुटबॉल खिलाड़ी और कोच के लिए चर्चा एक प्रतिष्ठित स्थल बन चुका है। इन दोनों महान विभूतियों ने एक ऐसा मंच तैयार किया जिसने कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई इस प्रतियोगिता और इसके आयोजकों का योगदान केवल खेल तक ही सीमित नहीं है, इनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है कि आज चर्चा का नाम देश के हर कोने में गूंज रहा है।
स्वर्गीय आर. सेशन और स्वर्गीय एम. एल. महाजन का योगदान अतुलनीय और अमूल्य है। उनका समर्पण और खेल के प्रति प्रेम सदैव हमारी स्मृतियों में जीवंत रहेगा। उनकी प्रेरणा से यह प्रतियोगिता निरंतर आगे बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में भी फुटबॉल प्रेमियों को प्रेरित करती रहेगी।
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