शासन से प्रतिबंध के बाद भी जिले में संलग्नीकरण का खेल धड़ल्ले से है जारी मामला कोरिया जिले के पी एच ई , आर ई एस व स्वास्थ्य विभाग का -शासन के नियमों की उड़ रही धज्जियां


कोरिया  बैकुंठपुर  -एक ओर जहां प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल प्रदेश में सुशासन और विकास की बात करते नजर आते है तो वही कोरिया जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ,ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग विभाग के साथ ही स्वास्थ्य  विभाग जिला कोरिया के आला अधिकारी शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है और इन्हे कलेक्टर के निर्देशों की भी परवाह नहीं है।

 विदित हैं की एक ओर जहां संलग्नी करण पर पूर्णता रोक लगी हुई है तो वही कोरिया जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी  ,ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग व मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य  विभाग में संलग्नी करण का खेल खुलेआम चल रहा है कर्मचारी की दूसरे जिले में मूल पदस्थापना होने के बाद भी कर्मचारी लंबे समय से दूसरे जिले में कार्य कर रहे है और ऐसे कर्मचारियों को भरपूर समर्थन विभागीय उच्च अधिकारी से मिलता दिख रहा है ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं है बावजूद इसके शासन और जिला कलेक्टर के निर्देशों का बजाय पालन करने के अधिकारी अपनी मनमानी करते नजर आ रहे है अब देखना यह है की ऐसे कर्मचारियों पर कब कार्यवाही होती है जिन्होंने शासन के नियमों का मजाक बना रखा है ।

जानकारी अनुसार कोरिया जिले के  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में मनेन्द्रगढ़  जिला  में पदस्थ बाबू कोरिया जिले में सेवा दे रहे वही भरतपुर में पदस्थ एसडीओ कही और पदस्थ है फिर भी भरतपुर में कुर्सी का लाभ ले रहे , वही  कार्यपालन अभियंता के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सम्भाग विभाग कोरिया में पदस्थ बाबू की पोस्टिंग मनेन्द्रगढ़ जिले में है किंतु यहाँ मलाई दार कुर्सी से चिपके हुए हैं इसी तरह मुख्य स्वास्थ व चिकित्सा विभाग कोरिया के कार्यालय में भी बाबू कोई और व कार्य कोई और देख रहे है जिससे शासकीय दस्तावेज में भी हेरफेर होने की संभावना हैं किंतु अधिकारी दूसरे जिले में कार्य नही होने का हवाला देकर कोरिया में संलग्न कर रखे हैं यह हाल केवल इन्ही विभाग का नही है ।  ऐसा संलग्नीकरण विभिन्न विकास खंडो में भी किया गया है । एक विभाग से दूसरे विभाग में संलग्नीकरण किए जाने से कार्यालय  के काम काज बहुत ज्यादा  प्रभावित हो रहे हैं। जिले के शासकीय  कार्यालय में संलग्नीकरण की दुकानदारी नियम विरुद्ध निजी स्वार्थ के लिए किया जा रहा है।जिससे मुख्य पदस्थ  अधिकारी के भूमिका को लेकर भी सवाल उठना लाजमी है ।
जबकि छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर के पत्र क्रमांक एफ 1–01/2013/1–6 नया रायपुर दिनांक 14 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से आदेशानुसार मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विवेक ढांड जी के हस्ताक्षर से पत्र जारी किया गया है जिस पत्र में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 426/2001/ साप्रवि/ 9 दिनांक 04/06/2001 द्वारा संलग्नीकरण समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए, निर्देशों की अवहेलना कर किसी स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी का नवीन पदस्थापना से अन्यत्र किसी  कार्यालय में संलग्नीकरण करना पाये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी तथा संलग्नीकरण करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव के आदेश को दरकिनार करते हुए संलग्नीकरण की दुकानदारी चल रही है। जबकि शासन स्तर पर विशेष परिस्थितियों को छोंड संलग्नीकरण पूर्णत: समाप्त कर दी गई है। बावजूद इसके दूरस्थ अंचलों में पदस्थ लिपिक को शहर से लगे जिला कार्यालय में सुविधा के तहत संलग्न करने का व्यापार चल रहा है। इससे अन्य अंचलों के कार्यालय में व्यवस्था प्रभावित हो रही है। साथ ही कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर से कार्य करने से  कार्यालय की गोपनीयता भी  भंग होने के साथ कार्यालय के दस्तावेज गायब होने की संभावना बनी रहती है । जबकि इस तरह का मामला कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में हाल ही में सामने आ चुका है जहा आज भी गड़बड़झाला के बाद दस्तावेज नही मिल रहे फिर भी अधिकारी  शासन के नियमों की  अनदेखी कर संलग्नीकरण का खेल खेल रहे आखिर क्यों !

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