कोरिया बैकुंठपुर। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के गांधी नागरिक एकता मंच के अध्यक्ष
संजय जायसवाल पिता शिवमंगल जायसवाल उम्र 39 वर्ष निवासी जूनापारा बैकुण्ठपुर ने शहर में अवैध रूप से संचालित न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज की शिकायत करने के बाद 18 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से डॉक्टर कुलकर्णी की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच दल निरीक्षण करने आया था। लेकिन आज तक जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की, जिससे ऐसा प्रतीत होता है की जांच दल भी मैनेज हो गया है
23000 वर्ग फीट भूमि पर पृथक-पृथक कक्ष निर्मित होना एवं इसका सम्पूर्ण सेटअप होना अनिवार्य है। इसी तरह से हॉस्टल के लिए 21100 वर्ग फीट भूमि, जिसमें सिंगल डबल प्रशासन, आगन्तुक / विजिटर कक्ष, पठन-पाठन कक्ष, भण्डार कक्ष, डाईनिंग-किचन, वार्डन रूम सम्मिलित है, न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज में उपरोक्त व्यवस्था का सर्वथा अभाव है।
यह कि उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज के लिए प्राचार्य सहित समस्त स्टाफ की संख्या समस्त छात्रों की संख्या का 30 प्रतिशत अर्थात् लगभग 39 से कम नहीं होनी चाहिए. किंतु वर्तमान में संचालित न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज में मात्र 6-7 से ज्यादा प्राचार्य सहित प्राध्यापक नहीं हैं, उक्त संबंध में फर्जी आंकड़े दर्शाकर नियमों को धत्ता बतलाकर कथित नर्सिंग कॉलेज का पंजीयन प्राप्त किया गया है, जो उपचर्या परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं निर्धारित मापदण्डों एवं नियमों के विपरीत है। नियमानुसार 37 स्टॉफ होने चाहिए लेकिन इस नर्सिंग कॉलेज में स्टॉफ कम हैं, स्टॉफ की सेलरी स्लिप से भी इसकी तस्दीक की जा सकती है की स्टॉफ कितने हैं। लायब्रेरी में भी नियमनुसार किताबे कम हैं। इसी प्रकार छात्राओं के लिए एमएलए नगर में बना छात्रावास भी संदेह के घेरे में है। वहां अलग से बाउंड्री वॉल नही है। जबकि आए दिन इस कालोनी में असामाजिक तत्व उपद्रव करते हैं, जिसकी शिकायत कालोनी के लोगो ने कई बार थाने में भी की है।
यह कि न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज मूलतः जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में पदस्थ शासकीय लोक सेवक जिला सलाहकार / प्रभारी डी०पी०एम० डॉ० प्रिन्स जायसवाल द्वारा मनमाने रूप से संचालित किया जा रहा है, जिनकी स्थानीय जिला प्रशासन में पंहुच प्रभाव एवं काफी दखल है, जो नाममात्र के लिए अपनी पत्नी श्रीमती वंदना जायसवाल को उक्त संस्था का प्रमुख निरूपित किये हुए हैं, जो कभी उक्त संस्था में आती-जाती नहीं हैं, बल्कि अनावेदक डॉ० प्रिन्स जायसवाल अपने शासकीय कार्यों को छोड़कर पूर्ण रूप से उक्त नर्सिंग कॉलेज में अपना सम्पूर्ण समय देकर अनुचित लाभ अर्जित कर रहे हैं, जो सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम के प्रावधानों के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आता है। यह कि अनावेदक डॉ० प्रिन्स जायसवाल वैसे तो जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में शासकीय लोक सेवक जिला सलाहकार / प्रभारी डी०पी०एम० के पद पर पदस्थ हैं, जो काफी व्यक्ति हैं, जिसके द्वारा फर्जी तौर पर प्रत्यक्ष रूप से न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज संचालित किया जा रहा है, एक तरफ वह राज्य शासन के अधीन शासकीय सेवक होते हुए शासन से मोटा वेतन प्राप्त कर रहे है, वहीं दूसरी तरफ अपनी पत्नी वंदना जायसवाल के नाम से फर्जी तौर पर उक्त संस्था अनियमित एवं अवैधानिक तौर पर संचालित कर रहे हैं तथा नर्सिंग छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड कर रहे हैं।
न्यू लाईफ नर्सिंग कॉलेज के समीपस्थ सेन्ट्रल बैंक, एच.एफ. डी. सी. बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया एवं अन्य व्यापारिक संस्थान / दुकान में स्थापित किये गये सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के सी.सी. टी.व्ही. फुटेज खंगाले जाने तथा स्थानीय जनों से इसकी जानकारी गोपनीय ढंग से ली जाकर कथित संस्था में अनावेदक डॉ० प्रिन्स जायसवाल के आमद - रफ्त एवं मौजूदगी संबंधी तथ्य की पुष्टि की जा सकती है।
0 टिप्पणियाँ