नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
कोरिया चरचा कालरी...... छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविरों में जहां लोग जल ,बिजली ,सड़क, नाली जैसी मूल भूत समस्याओं के समाधान की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं वहीं शिवपुर चर्चा नगर पालिका में आयोजित समाधान शिविर में एक ऐसा आवेदन आया जिसमें पालिका क्षेत्र में बढ़ती शराब खोरी और सार्वजनिक स्थलों पर शराबियों के द्वारा मचाये जा रहे आतंक पर चिंता जताते हुए आबकारी विभाग से शराबियों के लिए अहाता सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई है जिससे शराब प्रेमी बिना किसी संकोच या डर के प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थल पर व्यवस्थित ढंग से बैठकर शराब का सेवन कर सकें और स्थानीय नागरिकों को शराबियों के आतंक से मुक्ति मिल सके।
समाधान शिविर में दिए गए आवेदन में उल्लेखित है कि पालिका क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों चौक चौराहा, खेल मैदान, मुख्य मार्ग एवं मुख्य मार्ग पर स्थित अंग्रेजी शराब दुकान के सामने आदि दर्जनों स्थल पर प्रतिदिन शराबियों द्वारा शराब खोरी की जाती है यह शराबी शराब पीने के बाद गाली गलौज करते हैं व कांच की बोतलों को वहीं फेंक देते हैं ,फोड़ देते हैं शराब की बोतलों के टूटे हुए कांच के टुकड़े से आम नागरिकों के साथ विशेष कर छोटे बच्चे ज्यादा चोटिल होते हैं इसके अतिरिक्त पालतू पशु गाय बैल बकरी आदि भी कांच के टुकड़ों से घायल होते रहते हैं क्षेत्र में शराबियों के द्वारा प्रतिदिन मचाए जा रहे आतंक के प्रति स्थानीय पुलिस को भी अवगत कराया गया ,साथ ही जिम्मेदार आबकारी विभाग को भी जानकारी दी गई बावजूद इसके आबकारी विभाग ना तो कोई ठोस कार्यवाही कर रहा और नहीं पुलिस प्रशासन इस पर ध्यान दे रहा है दिखावे के लिए एक-दो दिन चरचा पुलिस पहुंची किंतु उसके पश्चात कोई कार्रवाई नहीं होती पूरे क्षेत्र में महुआ शराब की अवैध बिक्री भी बहुत जोरों पर हैं विभाग के जिम्मेदार नुमाइंदे प्रतिमाह आते हैंऔर अवैध शराब विक्रेताओं से कमीशन के रूप में पैसा लेकर चले जाते हैं यह कमीशन उनके विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचता है।
गजब की लीला आबकारी विभाग की.... एक तरफ सरकार नशा मुक्ति अभियान चलाती है ,जगह-जगह महात्मा गांधी की फोटो लगाते हैं वहीं दूसरी ओर उम्मीद से ज्यादा संख्या में अंग्रेजी शराब दुकान खोली जा रही हैं नागरिकों को विभिन्न प्रकार के लाइसेंस देकर शराब पीने को बढ़ावा दिया जा रहा है ऐसा लगता है कि सरकार ,शराब पीना आम आदमी का मौलिक अधिकार मानती है चर्चा कालरी के मुख्य मार्ग पर स्थित अंग्रेजी शराब दुकान के संबंध में आबकारी विभाग ने लिखित में अवगत कराया है कि अंग्रेजी शराब दुकान परंपरागत मदिरा दुकान है छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 के सामान्य प्रयोग नियम के तहत आपत्ति रहित स्थल पर स्थित हैअब यदि आबकारी विभाग से पूछा जाए कि वर्ष 1915 में आबादी कितनी थी और वर्तमान में आबादी क्या है, उस समय देश में शराबियों की संख्या का प्रतिशत क्या था और 1915 के बाद वर्तमान में 2025 चल रहा है अर्थात 90 साल गुजारने के बावजूद आबकारी विभाग में पुराने नियम क्यों चलाये जा रहे हैं वर्तमान में स्थल संबंधी भौतिक जांच क्यों नहीं की जा रही समाधान शिविर में उक्त आवेदन आबकारी विभाग की कार्यशैली पर व्यंग में लिपटा एक दर्दनाक यथार्थ सामने लाता है यदि शराब की बिक्री रुक नहीं सकती तो कम से कम पीने वालों को बैठने की अहाता सुविधा ही दे दीजिए अब देखना यह है कि आबकारी विभाग इस अनूठे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करता है या पुरानी परंपरा के अनुसार कागजी घोड़े दौड़कर अपनी पीठ स्वयं थप थपाएगा।
क्या है अहाता .... शराब के अहाते या परमिट रूम एक ऐसी जगह होती है जहां लोग बैठकर शराब पी सकते हैं यह एक तरह की शराब दुकान होती है जिसमें शराब पीने की भी सुविधा होती है अहाता का उद्देश्य यह भी है कि लोगों को शराब पीने के बाद सड़कों पर जाने से रोकने के लिए, जिससे यातायात और अन्य समस्याएं हो सकती हैं इसके अतिरिक्त कानून व्यवस्था को भी बेहतर बनाने के लिए क्योंकि अहाता में शराब पीने से झगड़ा कम होते हैं गंदगी भी ज्यादा नहीं फैलती।
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