नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
चरचा कालरी......... एसईसीएल चरचा कालरी प्रबंधन द्वारा संचालित सेशन स्मृति इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल मैं पढ़ाई के जगह कपड़े धोने का काम किया जा रहा है अप्रत्यक्ष रूप से यह स्कूल धोबी घाट बन गया हैजहां विद्यार्थियों के लिए पढ़ने वाली कक्षाओं में एक प्राइवेट कंपनी जे.एम.एस के द्वारा द्वारा प्रतिदिन सैकड़ो लोगों के कपड़े सैकड़ो लोगों के कपड़े धोने का काम किया जा रहा है कपड़े धोने के कार्य हेतु प्रबंधन से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई स्कूल परिसर के स्कूल परिसर के तीन कमरों में कपड़े धोए जा रहे थे और काफी मात्रा में कपड़ों को परिसर में सूखने के लिए टांगा भी गया था वहां काम कर रहे कर्मचारियों ने कहा यह भवन हमने किराए में लिया है जबकि विद्यालय के प्राचार्य का कहना था कि अक्सर चोरी होती है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से रहने के लिए दिया गया है.
देश में शिक्षा के समुचित विकास हेतु बेहतर प्रयास किया जा रहे हैं इसी क्रम में कोल इंडिया के द्वारा भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है किंतु यह दुर्भाग्य है कि चरचा क्षेत्र में विगत 40 वर्षों से अनवरत संचालित सेशन मेमोरियल इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल को अचानक बंद कर दिया गया जबकि यह स्कूल सर्व सुविधा वाले स्थल ऑफीसर कॉलोनी में स्थित है जहां कालरी के सभी बड़े जिम्मेदार अधिकारी का निवास है किंतु इन अधिकारियों ने कभी भी स्कूल के बारे में जानकारी लेना उचित नहीं समझा यही हाल प्रबंधन के द्वारा बनाई गई शिक्षण समिति का है इस समिति में कर्मचारियों को रखा गया है जो सिर्फ अपने ड्यूटी से मतलब रखते हैं शिक्षा के सामचित विकास हेतु कभी भी पहल नहीं करते स्मृति सेशन मेमोरियल स्कूल की स्थापना क्षेत्र के पूर्व लोकप्रिय प्रबंधक सेशन साहब के नाम पर रखा गया था इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी उसे दौर में क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल नहीं थे क्षेत्र के बच्चों को अंग्रेजी के पढ़ाई शहर में उपलब्ध नहीं थी और उन्हें दूसरी जगह पर जाना पड़ता था इस दौर में सेशन स्मृति स्कूल की स्थापना से अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा मिला और सैकड़ो की संख्या में बच्चे पढ़ाई करने लगे कुछ समय तक तो यह सब अच्छा चलता रहा किंतु बाद में शिक्षकों की आपसी की खींचतान और शिक्षण समिति की लापरवाही की वजह से धीरे-धीरे शिक्षा का स्तर गिरता गया इस विद्यालय के बेहतर विकास हेतु कभी भी प्रयास नहीं किए गए।
बर्बाद हो रही सामग्री .......विद्यालय के कई कमरों में ताले नहीं लगे हुए हैं फर्नीचर अस्त-व्यस्त पड़ा है खिड़की दरवाजे भी उखड़ गए हैं ऐसी स्थिति में वहां रखा सामान भी बर्बाद हो रहा है इन सब की जानकारी शिक्षण समिति को है लेकिन कभी भी समुचित पहल नहीं की जाती।
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