अधिकारी की तानाशाही के विरुद्ध न्यायालय ने दिया स्थगन आदेश.... एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र का है मामला....


बैकुंठपुर .........गत दिवस  एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के कतिपय अधिकारियों की मनमानी के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा  अगली सुनवाई तक स्थगन आदेश स्टे आर्डर  जारी किया गया।  न्यायालय के द्वारा जारी आदेश से निश्चित ही उन मजबूर श्रमिकों को आत्म बल मिलेगा जो अधिकारियों की तानाशाही के चलते प्रताड़ित होते रहते हैं।  जानकारी के अनुसार बैकुंठपुर क्षेत्र अंतर्गत चरचा कालरी  के  सह क्षेत्र प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत एक विधवा महिला कर्मचारी के साथ  वर्ष 2017 में कार्यालय के एक जिम्मेदार  उच्च अधिकारी के द्वारा लैंगिक उत्पीड़न किया गया था इस गंभीर संवेदनशील प्रकरण में वहां कार्यरत  एक अन्य कर्मचारि ने असहाय महिला का साथ दिया इस घटना के पश्चात न्यायालय में भी मामला दायर किया गया था।  जिसमें उक्त कर्मचारी पीड़ित महिला  के पक्ष से गवाह  था कर्मचारी के द्वारा महिला का गवाह बनकर साथ देना प्रबंधन को  नागवार गुजर रहा था प्रबंधन द्वारा  अधिकारी को बचाने  हेतु घटना के बाद से लगातार कर्मचारी के ऊपर दबाव बनाया जाता रहा है।  प्रबंधक कार्यालय में मनमानी के क्रम में महिला का साथ देने वाले गवाह को प्रताड़ित करने के क्रम में उसके पद के विरुद्ध बैकुंठपुर क्षेत्र में दूसरी जगह  अन्य काम में लगा दिया गया।  जहां उसके पद के अनुसार कोई काम ही नहीं  इसके बाद भी  बैकुंठपुर क्षेत्र प्रबंधन की दबाव की नीति बनी रही अधिकारियों के द्वारा निरंतर दबाव की नीति बनाई जाती रही पीड़ित विधवा महिला के गवाह बने कर्मचारी को प्रताड़ित करने की कवायत में उसके 27 वर्षों के कार्यकाल के पश्चात जबरन एक अन्य मामले मेंआरोप पत्र जारी कर दिया गया जिससे उक्त कर्मचारी को काफी आर्थिक क्षति पहुंचती प्रबंधन आरोप पत्र के माध्यम से एक पक्षीय कार्यवाही कर अपनी तानाशाही और मनमानी पूरी करना चाहता था।  साथ ही  प्रकरण के गवाह को प्रभावित करने के लिए लगातार दबाव बनाने  की नीति अपनाई जा रही थी किंतु पीड़ित कर्मचारियों ने हार नहीं मानी और माननीय उच्च न्यायालय को  वस्तु स्थिति से अवगत कराया न्यायालय में पीड़ित कर्मचारी का पक्ष विद्वान अधिवक्ता  भास्कर पयासी के द्वारा जोरदार तरीके से पक्ष रखा गया।  न्यायालय के द्वारा मांग प्रकरण क्रमांक वापस 3906/2024 काअवलोकन करने के पश्चात तत्काल आगामी सुनवाई के पूर्व कोई कार्यवाही न करने का स्थगन आदेश  जारी कर दिया किया गया है न्यायालय के आदेश से क्षेत्र के कई कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है।

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