नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
चरचा कालरी ......एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र अंतर्गत चर्चा कालरी आर ओ में कार्य करने वाले मजदूरों का दुर्भाग्य है कि जब तक वह रात दिन एक कर अपना खून पसीना बहा कर कोयला उत्पादन में लगे रहते हैं तब तक उनकी पूछ परख होती है नौकरी से सेवानिवृत्ति होते या आकस्मिक दुर्घटना में मरणोपरांत कॉलरी प्रबंधन उन्हें दूध में पड़ी मक्खी के समान निकल सकता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आदिवासी महिला अनीता बाई है जो चर्चा कार्यालय के चक्कर काटते काटते थक गई लगातार लिखित आवेदन देने के बावजूद संवेदनहीन क कालरी प्रबंधन को जरा भी दया नहीं आई जानकारी के अनुसार चरचा कालरी में कैटिगरी 4 के पद पर कार्यरत कर्मचारी राजेश्वर सिंह का आकस्मिक निधन 30 जुलाई 2021 को हो गया इसकी सूचना मृतक की पत्नी अनीता बाई ने चर्चा प्रबंधन को 24 अगस्त 2021 को दी पति की मृत्यु के उपरांत अनीता बाई के द्वारा अपने पति की सेवा से संबंधित इ.जी. जी एस. राशि भुगतान हेतु कई बार अनुरोध किया गया अनीता बाई को आज दिवस तक पेंशन भी नहीं प्राप्त हो रहा है परेशान महिला के द्वारा चरचा कालरी के जिम्मेदार अधिकारियों के पास गुहार लगाई गई किंतु गरीब आदिवासी महिला अनीता बाई की गुहार का इन अधिकारियों पर जरा सा भी असर नहीं हुआ अनीता बाई ने 29 दिसंबर 2022 को सहक्षेत्र प्रबंधक चर्चा, 12 जनवरी 2023 को महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र, 9 फरवरी 2023 को सह क्षेत्र प्रबंधक चर्चा एवं महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र के समक्ष भुगतान हेतु निरंतर आवेदन किया इसके अतिरिक्त 7 फरवरी 2023 को निदेशक कार्मिक एसईसीएल बिलासपुर को भी पत्र भेजा गया लगातार पत्र व्यवहार के क्रम में 27 मार्च 2023 को फिर निदेशक कार्मिक एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर एवं महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र को लिखित आवेदन दिया गया किंतु पूर्व परंपरा का निर्वाह करते हुए जानकारी नहीं दी गई चरचा कालरी के अधिकारियों के पास जाने से उनके द्वारा कहा जाता था कि भुगतान संबंधी स्वीकृति प्राप्त नहीं हो रही है इसलिए भुगतान नहीं किया जा सकेगा कोई भी जिम्मेदार अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं की भुगतान होने का मुख्य कारण क्या है भुगतान कब और कैसे भुगतान किया जाएगा अनीता बाई ने बैकुंठपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक बी.एन. झा एवं चरचा कालरी के नव पदस्थ प्रबंधक जितेंद्र कुमार से अपील की है की वे संज्ञान लेकर तत्काल पहल करें अन्यथा विवश होकर महिला को उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण में जाना पड़ रहा है जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी
गौरतलब है कि चर्चा क्षेत्र प्रबंधक कार्यालय में ऐसे कई अधिकारी कर्मचारी पदस्थ हैं जो मनमाने तरीके से कार्य कर जानबूझकर कर्मचारी व उनके परिजनों को परेशान करते हैं क्षेत्र में कई ऐसे प्रकरण है जो काफी समय से लंबित हैं मुख्यालय बिलासपुर से भुगतान की स्वीकृति आने के बावजूद भुगतान में विलंब करते हैं सूत्रों के अनुसार बिलासपुर मुख्यालय द्वारा चरचा कालरी क्षेत्र के पूर्व कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु उपरांत उनकी सेवा से संबंधित मॉनेटरी कंपनसेशन व इ जी जी एस भुगतान की स्वीकृति क्षेत्र प्रबंधक कार्यालय चर्चा को दे दी गई है भुगतान हेतु उन कर्मचारियों के परिजनों ने आवेदन भी किया है किंतु उनके आवेदनों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया
ऐसी स्थिति में परेशान कर्मचारी व उनके परिजन न्यायालय की शरण में जाते हैं एसईसीएल प्रबंधन को भी अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों की भारी भरकम फौज खड़ी करनी पड़ती है व फीस के मद में लाखों रुपए का भुगतान भी करना पड़ता है जिससे एसईसीएल को आर्थिक क्षति भी पहुंचती है लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों के वेतन से वकीलों के प्रति किए गए भुगतान की राशि की कटौती व्यक्तिगत रूप की जाए तो अपने आप व्यवस्था सुधर सकती है प्रबंधन व कर्मचारियों के बीच बढ़ती दूरी खत्म हो जाएगी साथ ही प्रबंधन की पारदर्शिता भी सामने नजर आएगी
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