कोरिया छत्तीसगढ़
वो गुलाल होता तो देह रंग लेती..
फिरकी होता तो मेले से लौटती..
छोटी बच्ची की तरह हाथ में घुमाती दौड़ी चली आती..
वो सवाल होता तो जवाब बनाकर लिख लेती अपनी हथेली पर....
लतीफा होता तो लोटपोट होकर बिखर जाती...
वो मोबाइल नेटवर्क होता तो लाइफटाइम का रिचार्ज करा लेती....
वो ख्याल होता तो उसे सोचते उम्र काट लेती....
वो फर्ज होता तो निभा लेती
कर्ज होता तो चुका देती ...
पांच सौ का नोट होता तो एफडी करा देती...
वो किताब होता तो पढ़ लेती
पहाड़ा होता तो रट लेती...
नौकरी होता तो बिना चूं करे दिनभर खट लेती...
लेकिन वो वो है और उसके जैसी
केवल मैं हूं.....
उसपर आई हर बला हर नजर के सदके ..... रंगों के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
कृष्ण विभूति तिवारी
सलका बैकुंठपुर
कोरिया छत्तीसगढ़
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