कोरिया बैकुंठपुर विधानसभा चुनाव की सर गर्मी के बीच वनांचल क्षेत्र भरतपुर सोनहत विधानसभा। जिस क्षेत्र की विगत 5 वर्षों में तकदीर व तस्वीर बदलने का काम विधायक गुलाब कमरों ने किया। परिणाम स्वरूप लोकप्रियता के कारण गुलाब कमरों को फिर से टिकट देकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यह बतला दिया कि काम करने वाले लोकप्रिय नेताओं को टिकट देकर फिर से मैदान में उतर जा सकता है। विधायक गुलाब कमरों ने विगत 5 वर्षों तक क्षेत्र में अनवरत विकास किया तो वही भाजपा के स्थानीय नेताओं ने समय-समय पर कांग्रेस सरकार की गलतियों को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्थानीय नेताओं में पूर्व संसदीय सचिव चंपा देवी पावले जो विगत 5 वर्षों तक क्षेत्र में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाई तो वही भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के जनकपुर क्षेत्र से लगातार तीन पंचवर्षीय जिला पंचायत के सदस्य रहे रविशंकर सिंह जो लंबे समय से विधायक बनने का ख्वाब देख रहे थे और इसी कारण उन्होंने जनता की सेवा का प्रण लेकर नंगे पांव पूरे विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने का भरसक प्रयास किया। रवि शंकर की लोकप्रिय का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत का क्षेत्र लगभग 40 से 45 ग्राम पंचायत का होता है और अलग-अलग क्षेत्र में रहकर उन्होंने जिला पंचायत का प्रतिनिधित्व किया अगर उनकी योग्यता की बात की जाए तो रविशंकर सिंह कंवर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से कानून में मास्टर की डिग्री ली हुई है। बावजूद इसके उन्होंने क्षेत्र की जनता का सेवा करना अपना सबसे बड़ा धर्म समझा और भाजपा संगठन में ही रहकर कार्य करने का प्रण लिया। उन्हें लगा कि आज नहीं तो कल भाजपा संगठन उनको मौका अवश्य देगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भाजपा संगठन ने इन दिग्गज नेताओं को कमतर समझने की कोशिश की और सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को इस क्षेत्र में उतरकर भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र का पारा बढ़ाने का काम किया है। रेणुका सिंह की उपस्थिति से शांत रहने वाला भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र अपने आप को अशांत महसूस कर रहा है। क्षेत्र में रेणुका सिंह की उपस्थिति से बाहरी कार्यकर्ता ज्यादा नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में निवासरत मतदाता सब कुछ शांति से देख रहे हैं जहां एक और भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र को अपना मायका समझकर चुनाव लड़ रही हैं तो वही कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें बाहरी प्रत्याशी बढ़कर जनता के बीच में अपना समर्थन मांगने जा रहे हैं। और मांगना तो पड़ेगा ही चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस 5 वर्षों के बाद एक बार मतदाता के मूड को समझने का अवसर जो मिलता है। यह तो आने वाला समय बताया कि क्या गुलाब के अभेद किले में कमल खिल पाएगा कि नहीं। मामला चाहे जो भी हो लेकिन गुलाब और कमल के लड़ाई में भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में आ गया है।
0 टिप्पणियाँ