राशन वितरण केंद्र के संचालक की मनमानी से परेशान ग्रामवासी.....नहीं मिलता चना और शक्कर...बिना सामान दिए हो जाती है कार्ड में एंट्री.......शराब के नशे में धुत रहते हैं कर्मचारी......

नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
चर्चा कॉलरी....... ग्राम पंचायत सरड़ी के पंडो पारा क्षेत्र में स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान आईडी क्रमांक 532001 006 के संचालक की मनमानी से उपभोक्ता बेहद परेशान है दुकान संचालक हिटलर के समान मनमानी पर उतारू है प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री की सोच सभी को भोजन देने की है कोई भूखा ना रहे इस हेतु शासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाने की कवायद में लगी है किंतु इसके विपरीत राशन वितरण केंद्र के संचालक जानबूझकर शासन की मंशा पर पानी फेर रहे हैं क्षेत्रवासी प्रतिदिन उक्त राशन वितरण केंद्र में  आ कर इंतजार करते हैं   कब दुकान खुले और उन्हें राशन मिले किंतु दुकान संचालक उचित मूल्य की दुकान को अपने घर की जायदाद समझते हुए मनमर्जी से  खोलते और बंद करते हैं दुकान खोलने का कोई समय निर्धारित नहीं है मनमानी के क्रम में उचित मूल्य की दुकान के बाहर जानकारी से संबंधित किसी भी प्रकार का बोर्ड नहीं लगा है कि दुकान कब खोलनी है और कब बंद करनी है दुकान का आईडी क्रमांक क्या है अथवा संचालक कौन है कुल मिलाकर दुकान संचालक पूरी तरह मनमानी कर रहे हैं उन्हें दुकान में आने वाले बुजुर्ग, बच्चे, गरीबी रेखा अंतर्गत जीवन यापन करने वाले कार्ड धारी की परेशानियों से कोई मतलब नहीं पेट की आग बुझाने के लिए  भीषण गर्मी में परेशान हितग्राही की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है ग्राम पंडो पारा के निवासियों ने कलेक्टर कोरिया सहित उच्च अधिकारियों से मांग की है की तत्काल पहल कर उचित कार्यवाही की जाए ताकि उन्हें शासन की मंशा अनुरूप समय पर सहज सरल तरीके से राशन मिल सके

शराब पीकर देते हैं राशन........ शासकीय उचित मूल्य दुकान पंडो पारा में  राशन वितरण करने वाले कर्मचारी लगभग शराब के नशे में मदमस्त रहते हैं दुकान में राशन लेने आई एक महिला मुन्नी बाई ने कहा कि  कि दुकान संचालक पैसा लेकर इंट्री कर लेते हैं और चावल नहीं देते हैं बोलते हैं कि दूसरे महीने में ले लेना इसके बाद भी नहीं मिलता तो कहते हैं बाद में एडजेस्ट कर देंगे दुकान खोलने का कोई समय नहीं है सप्ताह में मात्र 3 दिन ही दुकान खुलती है वही उपस्थित महिला लक्ष्मी ने कहा कि दुकान मैं सामान देने वाले बदलते रहते हैं व शराब पीकर आते हैं पूछने पर भगा देते हैं कि भागो यहां से दुकान में सुबह से बैठे-बैठे शाम हो जाती है किंतु राशन नहीं मिल पाता राशन लेने के चक्कर में दैनिक मेहनत मजदूरी भी बंद हो जाती है

नहीं मिलता चना शक्कर......... दुकान में  उपस्थित महिलाओं ने जानकारी दी कि  दुकान चना शक्कर नहीं देते हैं और कार्ड में चढ़ा देते है पूछने पर डांट फटकार लगाते  हैं

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