विश्वास, विकास और सहयोग की मिसाल बना ‘धरती आबा’ अभियान कोरिया जिले में आदिवासी ग्रामों में शिविरों के माध्यम से योजनाओं का लाभ कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी कर रहीं सतत निगरानी


कोरिया बैकुंठपुर / कोरिया जिले में भी आदिवासी जनजीवन को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की शुरुआत 15 जून से हो गई है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदायों तक शासन की मूलभूत योजनाओं और सेवाओं को सीधे पहुंचाना है।

अभियान के तहत सोनहत और बैकुंठपुर विकासखंड के 154 ग्रामों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां 17 विभागों की लगभग 25 योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य परीक्षण और शिक्षा संबंधी सहायता प्रमुख रूप से शामिल हैं।

कलेक्टर कर रहीं स्वयं निगरानी,

कोरिया कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी स्वयं शिविरों की सतत मॉनिटरिंग कर रही हैं और अधिकारियों से प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा है कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के पहुँचे।

हितग्राहियों में उत्साह और विश्वास,

अभियान के चलते कई आदिवासी परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है, जिससे समुदाय में आशा और विश्वास का संचार हुआ है। शिविरों में लोगों की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रशासन के प्रयासों को बल दे रही है।

प्रतिभा की कमी नहीं, जरूरत है अवसरों की,

कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा, 'जिले के आदिवासी बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत है उन्हें सही अवसर देने की। धरती आबा अभियान इसी सोच का सशक्त माध्यम है।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार के निर्देश और राज्य शासन के मार्गदर्शन में यह अभियान सामाजिक समावेशन और विकास को साकार कर रहा है।

धरती आबा अभियान न सिर्फ योजनाओं को जमीन तक पहुंचा रहा है, विश्वास, विकास और सहयोग की भावना को भी सुदृढ़ कर रहा है। यह पहल कोरिया जिले को जनसरोकारों की दिशा में एक नई पहचान दे रही है।

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