कोरिया कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को "आवा-पानी क्षोंकी" अभियान के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान, जिले के लिए गर्व का क्षण


कोरिया, छत्तीसगढ़ — जिले की कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने एक बार फिर कोरिया जिले का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। "आवा-पानी क्षोंकी" (आवा-पानी बचाओ) अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान प्राप्त हुआ है। यह न केवल उनके नेतृत्व कौशल का प्रमाण है, बल्कि जिले के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

श्रीमती त्रिपाठी के मार्गदर्शन में चलाया गया यह अभियान वर्ष 2024 में प्रारंभ हुआ था, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वनीकरण और जनजागरूकता को एक साथ जोड़ते हुए सतत विकास की ओर समाज को प्रेरित करना था। अभियान के अंतर्गत कोरिया जिले के विभिन्न ग्रामों और शहरों में लाखों पौधे लगाए गए, हजारों जल संरचनाएं सुधारी गईं, और जन सहभागिता से स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा दिया गया।

इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें प्रशासन, नागरिक समाज, छात्र, स्वयंसेवी संगठन और आम जनता सभी की भागीदारी रही। महज कुछ महीनों में ही "आवा-पानी क्षोंकी" एक जन आंदोलन बन गया, जिसने जिले के सामाजिक और पर्यावरणीय परिदृश्य को सकारात्मक रूप से बदल दिया।

श्रीमती त्रिपाठी की दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और नवाचारपूर्ण रणनीतियों के कारण इस अभियान ने विश्व स्तर पर पहचान बनाई। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इस पहल को "सर्वाधिक सामूहिक सहभागिता के साथ चलाए गए पर्यावरण संरक्षण अभियान" के रूप में मान्यता दी है। यह पहली बार है जब कोरिया जिले को इस तरह की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।

इस गौरवशाली अवसर पर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा, "यह उपलब्धि जिले की जनता की है। जब आम लोग मिलकर किसी लक्ष्य के लिए काम करते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। मैं कोरिया वासियों की भागीदारी और प्रतिबद्धता को सलाम करती हूँ।"

कोरिया जिले के नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी इस उपलब्धि पर हर्ष जताया है। स्कूलों में उत्सव मनाया गया, और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस गौरवपूर्ण क्षण को साझा किया। यह उपलब्धि न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संदेश भी देती है।

श्रीमती चंदन त्रिपाठी की यह उपलब्धि यह सिद्ध करती है कि एक सशक्त नेतृत्व और जनसहयोग से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। कोरिया जिले के लिए यह एक मील का पत्थर है, जो भविष्य में और भी बड़े परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा देगा।

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