पूर्ववर्ती सरकार के शिक्षा विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर प्रकाशित खबर पर कोई कार्यवाही नहीं


कोरिया बैकुंठपुर। पुख्ता एवं प्रमाणित खबर प्रशासन पर पूर्ववर्ती सरकार में तत्कालीन कलेक्टर ने जांच समिति का गठन कर जांच करने का आदेश दिया समिति के द्वारा जांच भी की गई और जांच में यह पाया गया कि शिक्षा विभाग में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है बावजूद इसके शासन प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। 

कोरिया जिले में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के समग्र शिक्षा के तहत बाल बड़ी योजना के तहत खरीदी में अनियमितता की जांच की गई इस जाच समिति में कलेक्टर के द्वारा गठित सदस्यों ने भी यह माना कि बालवाड़ी योजना अंतर्गत प्रदाय किए गए सामग्री का अनुमानित लागत 5560 रुपए  है बावजूद इसके कोरिया जिले में पदस्थ डीएमसी के द्वारा जिले के समस्त बालवाड़ी केंद्रो में जिले के बाहर सूरजपुर के पुस्तक भंडार से₹15000 की राशि भुगतान कर खरीदी कर व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया गया। इस व्यापक भ्रष्टाचार में राज्य परियोजना कार्यालय के द्वारा भ्रष्टाचार करने में भरपूर सहयोग किया गया वैसे भी अगर देखा जाए तो राजीव गांधी शिक्षा मिशन समग्र शिक्षा शिक्षा विभाग की भ्रष्टाचार की जीवन रेखा के रूप में कार्य करती है शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ सर्व शिक्षा अभियान से ही शुरू होता है। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह निष्कर्ष निकाला की कोरिया एमसीबी जिले में बाल बड़ी नहीं कमाई बड़ी योजना बनाकर रह गई। पूर्ववर्ती सरकार में जितना भ्रष्टाचार शिक्षा विभाग में हुआ वह किसी से छुपा नहीं है शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को देखते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री से शिक्षा विभाग वापस ले लिया गया और दो-तीन संभागों के संयुक्त संचालक को भी बर्खास्त करते हुए ठोस कार्यवाही की गई बावजूद इसके भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई इससे यह साफ नजर आता है कि पूर्ववर्ती सरकार में शिक्षा विभाग मंत्री अधिकारी एवं कर्मचारीयो की कमाई का जरिया बनकर रह गया और जांच कमेटी में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बावजूद भी सरकार के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। निश्चित तौर पर पूर्ववर्ती सरकार में शिक्षा विभाग जैसे विभाग को भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार के दौर से गुजरना पड़ा।

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