नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
कोरिया चरचा कालरी ,,,,,,,,, एसईसीएल चरचा कालरी प्रबंधन के सौजन्य से स्थानीय श्रमवीर स्टेडियम परिसर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन मुख्य अतिथि बी.एन. झा महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र एवं विशिष्ट अतिथि जितेंद्र कुमार सह क्षेत्र प्रबंधक चर्चा की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ इस दौरान श्रीमती पूनम झा अध्यक्ष भव्य महिला मंडल बैकुंठपुर क्षेत्र श्रीमती कमलजीत कौर श्रीमती अंजू लाल ,श्रीमती उर्मिला मंडावी, डॉ अशोक विराजी मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिरमिरी क्षेत्र ,राजेश सिंह उपाध्यक्ष नगर पालिका शिवपुर चर्चा, दीपा विश्वकर्मा मंडल अध्यक्ष शिवपुर चर्चा, श्रम संघ प्रतिनिधि महेश यादव, प्रवीण डेहरिया, सुशील शर्मा, बलजिंदर सिंह, रियाज अहमद सहित काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि के द्वारा मां सरस्वती की छायाचित्र के समक्ष पूजा अर्चना की गई इसके पश्चात कवि सम्मेलन में आए हुए समस्त कवियों को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया मुख्य अतिथि महाप्रबंधक बी.एन. झाने ने अपने उद्बोधन में श्रमिक दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि यह दिवस हमारे श्रमवीरों के सम्मान के लिए समर्पित है हम खनिक परिवार खनन का कार्य करते हैं ,और देश को ऊर्जा देते हैं देश को आगे बढ़ाने में हमारे श्रमवीरों का विशिष्ट योगदान रहता है चर्चा की धरती में चर्चा का विषय है कि यह आयोजन हमारे श्रमिकों के सहयोग से ही हो रहा है।
कवि सम्मेलन में आए हुए कवियों ने हास्य ,व्यंग ,श्रृंगार एवं वीर रस की एक से बढ़कर कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया वहीं वर्तमान सामाजिक कुरीतियों को भी उन्होंने व्यंग के माध्यम से उजागर किया कवि सम्मेलन मैं मंच संचालन नरेंद्र मिश्र धड़कन के द्वारा किया गया कवियत्री लता शबनम ने कवियों की भूमिका के बारे में स्पष्ट करते हुए कहां की मैं तो आइना हूं मेरी जवाब देही है अर्थात जैसे आई ना इस सब कुछ स्पष्ट दिखता है इस तरह हम भी निष्पक्ष भाव से सब कुछ कहते हैं इसके पश्चात अपने श्रृंगार रस की कविता मे कहां की ""मेरे जज्बातों को पढ़ना जरा सलीके से,मैं गजल हूं मुझसे मिलना जरा सलीके से,, इसी क्रम में देश की स्थिति के बारे में कविता के माध्यम से शबनम जी ने कहा कि लपटों में जल रहे हैं घर बार देख लो,, इंसानियत हुई है शर्मसार देख लो, ,नफरत ने मेरे मुल्क को बर्बाद कर दिया ,कुछ लोगों के नापाक सियासत के खेल ने ,दहशत की नई फसल को आबाद कर दिया
कवि सम्मेलन में नेपाल से आए हुए कवि लक्ष्मण नेपाली को श्रोताओं ने सबसे ज्यादा सराहा !व्यंग्य और हास्य के समावेश के साथ उन्होंने भयंकर तरीके से एंट्री ली और विभिन्न मुद्दों पर कविता कहते हुए श्रोताओं को लोटपोट कर दिया ,उपस्थित श्रोताओं का कहना था कि लक्ष्मण नेपाली का विशेष रूप से कार्यक्रम कराया जाए।
. महाप्रबंधक ने कवियों को बनाया रिश्तेदार......कार्यक्रम में महाप्रबंधक बी. एन. झा ने कहा कि आज इस कवि सम्मेलन के अद्भुत माहौल में ऐसा लग रहा है कि कवियों की आत्मा मुझ में आ गई है कार्यक्रम में उपस्थित कवियों में से एक मेरे ससुराल पक्ष से आए हैं तो दूसरे मेरे ननिहाल पक्ष से हैं वरिष्ठ मंच संचालक नरेंद्र धड़कन के उम्र के तकाजे और उनकी गर्म जोशी के संदर्भ में कविता के माध्यम से महाप्रबंधक ने कहा कि दिल एक को दीजिए ,पर नेक को दीजिए,, यह दुर्गा पूजा का प्रसाद नहीं,, जिसे प्रत्येक को दीजिए इसी क्रम में पुनः उन्होंने चूटीले अंदाज में कहा कि "कौन कहता है कि बूढ़ा दरवाजा नहीं खटखटाता , उसे हमेशा आस रहती है कि, कोई तो आवाज देगा,,,, आम तब तक रसीला नहीं होता जब तक पिलपिला नहीं होता।
कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजन समिति के अध्यक्ष एम .आर .मंडावी खान सुरक्षा अधिकारी , उपाध्यक्ष शब्बीर अली सचिव इंद्रजीत पाल सह सचिव विनोद दुबे चंद्रपाल कोषाध्यक्ष ज्ञानेंद्र पांडे आदि विशेष रूप से सक्रिय थे कवि सम्मेलन में आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री मंडावी के द्वारा भी शानदार कविता पाठ किया गया जो लोगों की उम्मीद से परे था, निरंतर कोयला उत्पादन में लगे रहने वाले अधिकारी मंडावी के कविता पाठ में उनकी विलक्षण प्रतिभा नजर आई।
0 टिप्पणियाँ