जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर धूमधाम से निकला जुलूस ए मोहम्मदी.......


नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट

 कोरिया चरचा कालरी,............ पैगंबर इस्लाम सरकारे मुस्तफा सलल्लाहो अलैहे वसल्लम की यौमे विलादत की खुशी में इस्लाम धर्म को मानने वाले अनुयायियों ने अंजुमन इस्लामिया कमेटी चर्चा के  मार्गदर्शन में चर्चा के मदरसे से शुरुआत कर पूरे शहर में जुलूस निकाला गया धार्मिक  नारों व इस्लामी  झंडे के साथ यह जुलूस राजीव गांधी चौक ,न्यू मार्केट ,बीटीसी कॉलोनी ,पूर्वी नेपाल गेट होते हुए अहमद पेट्रोल पंप के सामने स्थित पार्क में जाकर आमसभा में तब्दील हुआ जहां लोगों को बिरयानी बांटी गई जुलूस में काफी संख्या में बच्चे महिलाएं एवं इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग शामिल थे इस पाक पर्व के अवसर पर   देश में अमन चैन और खुशहाली के लिए दुआ मांगी गई। वही जुलूस के दौरान जगह-जगह आम लंगर और शरबत का भी आयोजन लोगों द्वारा किया गया इस जुलूस में समाज के सभी वर्ग के लोग  शामिल थे। 

 ईद-ए-मिलाद-उन-नबी इस्लाम धर्म का बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। कहते हैं कि इस दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था। उनके जन्म वर्षगांठ के दिन पैगंबर साहब की याद में खुशी के पर्व के तौर पर इस त्योहार को मनाते हैं। ईद ए मिलाद उन नबी हर साल  रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है।  ऐसा कहा जाता है कि इस दिन को नियम से निभाने से लोग अल्लाह के और करीब आते हैं लोग आपस में खुशियां मनाते हैं और खुद को अल्लाह का करम महसूस करते हैं इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने दुनिया को भाईचारा का संदेश देते हुए आपसी सौहार्द बनकर जीने की राह बताई है शांति प्रगति ,एकता और भाईचारा हजरत मोहम्मद साहब की सबसे बड़ी शिक्षा है लिहाजा प्रत्येक मुसलमान को शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए इस पर्व के मौके पर लोग घरों और मस्जिदों में पवित्र कुरान को पढ़ते हैं। इस्लाम धर्म के लोगों का मानना है कि कुरान पढ़ने और मोहम्मद साहब के संदेशों का पाठ करने से अल्लाह की रहमत बरसती है। इस मौके पर जुलूस भी निकाला जाता है और गरीबों को भोजन कराया जाता है। ईद  ए मिलाद उन नबी के मौके पर दोस्तों, प्रियजनों और रिश्तेदारों को खूबसूरत पैगामों के जरिए मुबारकबाद देते हैं।

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