कोरिया में सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य का अनूठा संगम वाहन चालकों हेतु नि:शुल्क नेत्र शिविर बना मिसाल जिला परिवहन विभाग और सामाजिक संगठनों की साझेदारी से जनकल्याण की प्रेरक पहल


कोरिया (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के लिए एक अनूठी पहल ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा है, बल्कि एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है। जिला परिवहन विभाग की अगुवाई में 1 से 22 मई 2025 तक चल रहे नि:शुल्क नेत्र जांच महाअभियान ने वाहन चालकों के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा का एक मजबूत आधार तैयार किया है। इस कड़ी में 19 मई को टेंगनी नाका पर आयोजित 13वें शिविर ने सैकड़ों चालकों को नई दृष्टि और आत्मविश्वास प्रदान किया। स्वास्थ्य और सुरक्षा का अनोखा मेल इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत है—नि:शुल्क नेत्र जांच, चश्मों और दवाओं का वितरण। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मोहसीन रज़ा और उनकी टीम ने शिविर में चालकों की आंखों की गहन जांच की और जरूरतमंदों को तत्काल चश्मे व दवाएं उपलब्ध कराईं। इस पहल ने न केवल चालकों के स्वास्थ्य को मजबूती दी, बल्कि दृष्टि दोष के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में भी ठोस कदम उठाया। जिला परिवहन अधिकारी  अनिल भगत ने इस अभियान के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा,“हमारा लक्ष्य सिर्फ नेत्र जांच तक सीमित नहीं है। हम सड़क पर हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं। खराब दृष्टि सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है, जिसे समय रहते रोका जा सकता है।

सामुदायिक सहयोग की मिसाल,

आर्थो वेलफेयर फाउंडेशन की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को और प्रभावी बनाया। संस्था के अध्यक्ष शकील अहमद और उनकी टीम—मनोज कुमार मंडल, राहुल सिंह, कु. नंदनी, आकांक्षा गिद्ध और सरिता कुर्रे ने शिविर के सुचारु संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा और समन्वय में उल्लेखनीय भूमिका निभाई, जिससे शिविर की व्यवस्था और भी सुदृढ़ हुई। 

चालकों के चेहरों पर मुस्कान,

शिविर में शामिल एक स्थानीय चालक वंशगोपाल कुशवाहा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं लंबे समय से चश्मा बनवाने की सोच रहा था, लेकिन समय और पैसे की कमी आड़े आ रही थी। इस शिविर ने मेरी समस्या हल कर दी। अब मैं सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चला सकता हूं।”

आने वाले दिनों में और विस्तार,

जिला परिवहन अधिकारी कोरिया अनिल भगत ने बताया कि इस तरह के शिविर भविष्य में भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। जल्द ही इन शिविरों में रक्तचाप, मधुमेह जैसी अन्य स्वास्थ्य जांच सुविधाएं भी शामिल की जाएंगी, ताकि चालकों के समग्र स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। 

कोरिया एक प्रेरणा, एक मॉडल,

कोरिया जिले की यह पहल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है। यह अभियान साबित करता है कि सड़क सुरक्षा केवल ट्रैफिक नियमों का पालन करना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, जागरूकता और सामुदायिक सहयोग का एक समग्र दृष्टिकोण है। 

शिविरों का आयोजन स्थल,

यह महाअभियान 1 मई से शुरू होकर 22 मई तक विभिन्न स्थानों पर आयोजित हो रहा है। अब तक शिविर खरवत चौक, बरबसपुर टोल, पटना हाइवे, दुबछोला चौक, डुमरिया नाका, सोनहत बाजार, ग्राम बुढ़ार, बचरापोंडी, सुरमी चौक, चरचा थाना, बंजारीडांड, बैकुण्ठपुर बस स्टैंड, टेंगनी नाका पर आयोजित हो चुके हैं। अंतिम शिविर 22 मई को कटगोड़ी पहाड़पारा में होगा। जिला परिवहन अधिकारी ने समस्त वाहन चालकों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में आकर इस निःशुल्क शिविर का लाभ अवश्य उठाएं।

एक नई रोशनी, एक नई उम्मीद,

कोरिया का यह नेत्र जांच अभियान केवल आंखों को रोशनी नहीं दे रहा, बल्कि सामाजिक जागरूकता की एक नई लौ भी जगा रहा है। यह पहल सड़क पर हर व्यक्ति की सुरक्षा और बेहतर भविष्य की गारंटी है।

आइए, इस प्रेरक अभियान का हिस्सा बनें और सुरक्षित सड़क, स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएं!

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