नीरज गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
कोरिया चरचा कालरी ........1 मई को पूरे देश में विश्व मजदूर दिवस बेहद हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाया जाता है इस अवसर पर एसईसीएल के बैकुंठपुर क्षेत्र में स्थित कोयला खदानों में कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों का विशेष उल्लेख करना नितांत आवश्यक है जो देश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने हेतु दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं क्षेत्र की खदानों में कार्यरत हजारों श्रमिक ,अधिकारी, कर्मचारी हर मौसम हर परिस्थिति में अपनी जान की परवाह किए बिना प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर खदानों में कठिन परिश्रम करते हैं यह श्रमिक प्रकृति के विरुद्ध कोयला खदानों के अंदर राष्ट्रहित में कार्य करते हैं यह श्रमिक ही हैं जिनके अथक परिश्रम से निकला कोयला देश के उद्योगों की धड़कन है जिससे फैक्ट्रियां चलती है, रेल दौड़ती हैं और देश के करोड़ों घरों में रोशनी पहुंचती है विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर बैकुंठपुर क्षेत्र में स्थित कोयला खदानों में कार्यरत श्रमिकों के अथक परिश्रम और समर्पण को सम्मानित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह दिन उन मेहनतकश हाथों को समर्पित है, जो देश को ऊर्जा प्रदान करने के लिए दिन-रात एक करते हैं।
इस दिन विशेष पर विशेष रूप से चर्चा कॉलरी खदान जो, बैकुंठपुर क्षेत्र की एक प्रमुख ऐतिहासिक कोयला खदान है जहाँ पिछले 61 वर्षों से निरंतर कोयला उत्पादन हो रहा है, क्षेत्र की गौरवपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। यह खदान न केवल क्षेत्र की पहचान बनी हुई है बल्कि यह देश के कोयला उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है यहां के श्रमिकों की मेहनत और समर्पण,उत्पादन की गुणवत्ता और निरंतरता का आधार है यहाँ कार्यरत श्रमिक विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। एसईसीएल के बैकुंठपुर क्षेत्र की कोयला खदानें देश की औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही हैं। एसईसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन द्वारा भी मजदूर दिवस के अवसर पर श्रमिकों को सम्मानित करने और उनकी समस्याओं पर विचार करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है श्रमिक संगठनो के द्वारा इस दिन को श्रम के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के रूप में मानते हैं आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि देश की उन्नति की नई इन श्रमिकों की मेहनत पर टिकी है एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के कोयला श्रमिक न केवल क्षेत्र की शान है बल्कि पूरे राष्ट्र की ऊर्जा आपूर्ति की रीड की हड्डी भी है विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर हम इन नायकों को नमन करते हैं जो बिना रुके, बिना थके, हर दिन, अपने फर्ज को निभाते हुए देश को रोशन कर रहे हैं।
इस अवसर पर बैकुंठपुर क्षेत्र के
मुख्य महाप्रबंधक बी.एन. झा ने अपने संदेश में कहा, _"हमारे कोयला श्रमिक एसईसीएल की सबसे बड़ी ताकत हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही आज हम निरंतर उत्पादन कर पा रहे हैं। हम सभी श्रमिकों को उनके इस योगदान के लिए नमन करते हैं और आश्वस्त करते हैं कि कंपनी उनके कल्याण और सुरक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है।"_हम अपने सभी कर्मचारी व उनके परिजनों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
चर्चा कालरी के क्षेत्र प्रबंधक जितेन्द्र कुमार ने कहा, _"मजदूर दिवस का यह अवसर उन अनगिनत श्रमिकों को समर्पित है जो चर्चा माइंस की कठिन खदानों में दिन-रात परिश्रम कर देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं यह श्रमिक मात्र कोयला निकालने वाले मजदूर नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के सच्चे नींव स्तंभ है उनकी मेहनत, त्याग और साहस हमें यह याद दिलाता है कि देश की प्रगति केवल बड़े कार्यों या उद्योगपतियों से नहीं बल्कि उन हाथों से होती है जो धूल, अंधेरे और जोखिम से भरे वातावरण में भी अडिग रहते हैं इनका पसीना जब धरती से टकराता है तब राष्ट्र का भविष्य आकार लेता है, उनकी हर सांस संघर्ष का प्रतीक है और हर कदम देशभक्ति का उदाहरण आज हम न केवल उन्हें सम्मान अर्पित कर रहे हैं बल्कि यह वचन भी देते हैं कि उनके अधिकार सम्मान और सुरक्षा की रक्षा के लिए हम सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे चर्चा माइंस के हर एक श्रमिक को हमारा हार्दिक नमन औरअपार कृतज्ञता, आप है इसलिए देश प्रगति की राह पर बढ़ रहा है।
भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा, _"कोयला श्रमिक देश की ऊर्जा रीढ़ हैं। हम चाहते हैं कि उन्हें हर संभव सुविधा, सुरक्षा और सम्मान मिले। संगठन का यह प्रयास रहेगा कि श्रमिकों की आवाज़ हर स्तर पर सुनी जाए।"_
संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक यूनियन के वरिष्ठ नेता मोहम्मद रियाज अहमद ने कहा कि पूरे विश्व में पहली बार 1 मई में 1889 को पूरी दुनिया के मजदूर एक होकर 8 घंटा कार्य की मांग के साथ एकजुट हुए थे और उनकी मांगे मानी गई तब से यह दिन श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैवर्ष 1920 में देश में सबसे पहले श्रमिक हितों के संघर्ष के लिए एटक यूनियन का गठन हुआ यह दौर अंग्रेजी हुकूमत का दौर था उस दौर में देश में और कोई यूनियन नहीं थी तब सिर्फ और सिर्फ एक यूनियन संघर्ष करती रही तब से अर्थात आजादी के पहले से आज तक एटक यूनियन निरंतर श्रमिक हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत है प्रतिबद्ध है एटक यूनियन का लंबाई इतिहास सिर्फ और सिर्फ श्रमिक साथियों के लिए समर्पित है मजदूर दिवस की सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
इंटक यूनियन के क्षेत्रीय संयुक्त महामंत्री इंद्रजीत पाल ने कहा कि 1 मई का दिन हम सभी श्रमिकों के संघर्ष, समर्पण और योगदान को सम्मान देने का दिन है चर्चा कालरी के हमारे साथी श्रमिक जिस निष्ठा और साहस से विषम परिस्थितियों में भी कोयला उत्पादन में जुटे रहते हैं वह वास्तव में राष्ट्र निर्माण के सच्चे सिपाही हैं हमारी यूनियन हमेशा श्रमिकों के हक, अधिकार और सुरक्षा की लड़ाई के लिए समर्पित है हम यह सुनिश्चित करते रहेंगे की हर श्रमिक को सम्मानजनक कार्य वातावरण उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा मिले।
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