कोरिया बैकुंठपुर । कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर देवराहा बाबा सेवा समिति के तत्वावधान में नगर के प्रतिष्ठित प्रेम बाग मंदिर परिसर में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। यह आयोजन स्थानीय नागरिकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं नगरवासी एकत्रित हुए और भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को उल्लासपूर्वक मनाया।
मंदिर प्रांगण को इस अवसर पर रंग-बिरंगी झालरों, फूलों की सजावट, रोशनी की झालरों तथा विभिन्न धार्मिक चित्रों से सजाया गया था। पूरा वातावरण "राधे-राधे" और "कन्हैया लाल की जय" जैसे जयकारों से गूंज रहा था। भजन-कीर्तन, श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन और भक्तिमय वातावरण ने पूरे क्षेत्र को एक दिव्य आध्यात्मिक आभा से आच्छादित कर दिया।
मटकी फोड़ प्रतियोगिता का रोमांच
कृष्ण जन्माष्टमी का प्रमुख आकर्षण, मटकी फोड़ प्रतियोगिता, युवाओं और बच्चों दोनों के बीच उत्साह का केंद्र रही। परंपरागत ढंग से ऊँचाई पर दही-हांडी (मटकी) बांधी गई थी, जिसे फोड़ने के लिए टीमों ने मानव पिरामिड का निर्माण किया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने अपनी सामूहिक शक्ति, संतुलन और साहस का परिचय दिया।
कई बार प्रयास असफल होने पर भी प्रतिभागियों ने हार नहीं मानी और पुनः दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करते रहे। अंततः एक टीम ने सफलतापूर्वक मटकी फोड़कर दही और माखन की वर्षा की, जिसे देखकर उपस्थित दर्शक तालियों और जयघोष से गूंज उठे।
इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को देवराहा बाबा सेवा समिति द्वारा आकर्षक पुरस्कार और सम्मान पत्र भेंट किए गए। विजेता टीम को समिति द्वारा विशेष रूप से स्मृति चिन्ह और उपहार भी प्रदान किए गए।
प्रतियोगिता का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
मटकी फोड़ प्रतियोगिता केवल एक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह प्रतियोगिता टीम भावना, सहयोग, साहस और धैर्य का प्रतीक है। जिस प्रकार श्रीकृष्ण अपने बालपन में नटखट लीलाओं के लिए प्रसिद्ध थे, उसी प्रकार यह आयोजन उनकी बाल छवि का पुनः स्मरण कराता है।
युवाओं में यह प्रतियोगिता अनुशासन, सामूहिकता और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना को जाग्रत करती है। साथ ही, यह समाज को एकजुट करने का कार्य भी करती है क्योंकि इस अवसर पर सभी वर्गों और समुदायों के लोग एक साथ एक मंच पर इकट्ठा होकर उत्सव का आनंद उठाते हैं।
देवराहा बाबा सेवा समिति की सराहनीय पहल
देवराहा बाबा सेवा समिति लंबे समय से धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में अग्रणी रही है। समिति का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक और एकजुट करना भी है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कृष्ण जन्माष्टमी की परंपरा को जीवित रखना और आने वाली पीढ़ियों को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना है।
समिति द्वारा समय-समय पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, भंडारों, गरीबों की सेवा और सामाजिक कार्यों का आयोजन भी किया जाता है। इस बार का मटकी फोड़ आयोजन न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा रहा बल्कि इसमें युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का संदेश भी छिपा था।
उपस्थित जनसमूह का उत्साह
प्रेम बाग मंदिर परिसर में आयोजित इस प्रतियोगिता को देखने के लिए आसपास के गांवों और शहर के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का उत्साह देखते ही बनता था। सभी ने जयकारों और तालियों के माध्यम से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कई दर्शकों ने कहा कि यह आयोजन वास्तव में नगर की एक अनोखी परंपरा बन चुका है। हर साल लोग इस प्रतियोगिता का इंतजार करते हैं और यह आयोजन नगर की सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक है।
पुरस्कार वितरण समारोह
कार्यक्रम के समापन अवसर पर समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय गणमान्य नागरिकों द्वारा विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पुरुष वर्ग सुंदरपुर की टीम₹11000, दल को नकद राशि, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले द्वितीय मटकी भी सुंदरपुर की टीम को 7100 तथा तृतीय मटकी डूमरखोली भाडी को तृतीय मटकी 5100 को दिया गया। बालिका वर्ग में प्रथम मटकी 5 गुर्जर की होनहार बालिकाओं द्वारा छोड़कर हासिल किया गया वहीं पर बालक वर्ग में प्रथम मटकी केनापारा की टीम को 5100, दिया गया द्वितीय मटकी जूना पर की टीम को 3100 रुपए दिया गया तृतीय मटकी 2100 रुपए केनापारा के बालकों ने अपने नाम किया।
पुरस्कार वितरण के दौरान देवरहा बाबा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेश शिवहरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समिति आगे भी समाज और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करती रहेगी।
देवराहा बाबा सेवा समिति द्वारा प्रेमाबाग मंदिर परिसर में आयोजित मटकी फोड़ प्रतियोगिता न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही, बल्कि इसने नगर की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकजुटता को भी मजबूत किया। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि त्योहार केवल पूजा-अर्चना का ही माध्यम नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और सकारात्मक ऊर्जा को जाग्रत करने का भी अवसर होते हैं।
इस प्रकार का आयोजन निश्चित तौर पर सराहनीय है और भविष्य में भी इसकी परंपरा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ