कोरिया (छत्तीसगढ़) कोरिया जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रेरणादायी पहल शुरू की है, जो न केवल जिले के वाहन चालकों के लिए बल्कि समग्र सामाजिक कल्याण के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। इस अभियान के तहत 13 मई 2025 को बंजारीडांड में आयोजित 11वां नि:शुल्क नेत्र परीक्षण शिविर, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। यह शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
अभियान का उद्देश्य और महत्व,
1 मई से 22 मई 2025 तक चल रहे इस महा अभियान का प्रमुख उद्देश्य जिले के सभी वाहन चालकों की दृष्टि जांच सुनिश्चित करना है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कमजोर दृष्टि सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में यह अभियान न केवल चालकों के स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि जिले का कोई भी चालक दृष्टि संबंधी समस्याओं के कारण सड़क पर खतरा न बनें। यह शिविर स्वास्थ्य और सुरक्षा का संगम है।
बंजारीडांड में आयोजित इस शिविर में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मोहसीन रज़ा और उनकी टीम ने सैकड़ों वाहन चालकों की आंखों की जांच की। जांच के दौरान दृष्टिदोष का पता चलने पर चालकों को तत्काल नि:शुल्क चश्मे और आवश्यक दवाएं प्रदान की गईं। इस सेवा ने न केवल चालकों के स्वास्थ्य में सुधार किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया, जिससे वे अधिक सुरक्षित और जिम्मेदारी के साथ वाहन चला सकें। शिविर में आए एक स्थानीय चालक, कृष्णा साहू ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “मैं कई सालों से चश्मा बनवाने की सोच रहा था, लेकिन समय और पैसे की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाया। इस शिविर ने मेरी समस्या का समाधान कर दिया। अब मैं सड़क पर अधिक सुरक्षित महसूस कर रहा हूं।
”सामाजिक सहभागिता और प्रशासनिक समन्वय,
इस अभियान की सफलता में सामाजिक संस्था ‘आर्थो वेलफेयर फाउंडेशन’ की भूमिका अहम रही। संस्था के अध्यक्ष शकील अहमद के नेतृत्व में उनकी टीम—मनोज कुमार मंडल, तरुण कुमार सिंह, राहुल सिंह, कु. नंदनी, आकांक्षा गिद्ध, माही पंकज, सरिता कुर्रे ने शिविर के संचालन को व्यवस्थित और प्रभावी बनाया। पुलिस प्रशासन कोरिया ने भी सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। शकील अहमद ने इस अवसर पर कहा, “दृष्टि केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं, बल्कि सड़क पर हर व्यक्ति की सुरक्षा का आधार है। हमारा प्रयास है कि हर चालक को समय-समय पर अपनी आंखों की जांच कराने के लिए प्रेरित किया जाए। यह अभियान सामाजिक जिम्मेदारी और मानवता की सेवा का प्रतीक है।
”अभियान की विशेषताएं,
अभियान 1 से 22 मई तक जिले के सभी प्रमुख क्षेत्रों में नि:शुल्क नेत्र शिविर आयोजित कर रहा है, ताकि कोई भी चालक इस सुविधा से वंचित न रहे। विशेषज्ञ सेवाएं: अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों की टीम द्वारा जांच और उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है।नि:शुल्क सुविधाएं: दृष्टिदोष वाले चालकों को चश्मे और दवाएं मुफ्त प्रदान की जा रही हैं, जिससे आर्थिक बाधाएं दूर हो रही हैं। शिविरों के माध्यम से चालकों को नियमित नेत्र जांच और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया,
शिविर में शामिल हुए स्थानीय नागरिकों और चालकों ने इस पहल की जमकर सराहना की। कई चालकों ने बताया कि निजी कारणों जैसे समय की कमी या आर्थिक तंगी के चलते वे पहले नेत्र जांच नहीं करवा पाए थे। इस तरह के शिविर उनके लिए वरदान साबित हुए। एक अन्य चालक, रूपेश यादव, ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि मेरी आंखों की रोशनी इतनी कमजोर हो चुकी है। इस शिविर ने मेरी आंखें खोल दीं। अब मैं सुरक्षित ड्राइविंग कर सकता हूं।
”प्रशासन का संकल्प,
जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत ने इस अभियान को और विस्तार देने की बात कही। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बनाए रखा जा सके। “हमारा प्रयास है कि कोरिया जिला सड़क सुरक्षा के मामले में एक मॉडल बने। इसके लिए हम सामाजिक संगठनों और स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।
बंजारीडांड में आयोजित यह शिविर और समग्र अभियान यह दर्शाता है कि जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आमजन एकजुट होकर काम करते हैं, तो किसी भी योजना को जनांदोलन का रूप दिया जा सकता है। कोरिया जिले की यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकती है। यह अभियान साबित करता है कि छोटे-छोटे कदमों से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं, खासकर जब बात सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की हो। जिला परिवहन विभाग ने इस अभियान को 22 मई तक जिले के विभिन्न हिस्सों में जारी रखने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, भविष्य में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं जैसे रक्तचाप जांच, मधुमेह जांच आदि को भी इस तरह के अभियानों में शामिल करने की योजना है। यह न केवल चालकों के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर करेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देगा। कोरिया जिले की यह पहल एक ऐसी मिसाल है, जो हमें यह सिखाती है कि सामुदायिक सहयोग और प्रशासनिक इच्छाशक्ति के बल पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। यह अभियान न केवल वाहन चालकों की आंखों को रोशनी दे रहा है, बल्कि सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान कर रहा है।
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