यत्काले ह्युचितं कर्त्तुं तत्कार्यं द्रागशङ्कितम्। काले दृष्टिः सुपोषाय ह्यन्यथा सुविनाशिनी।।


(शुक्रनीति - १/२८६)

अर्थात् 👉 जिस समय में जो कार्य करना उचित हो, उसे उसी समय शंका रहित होकर शीघ्र करना चाहिए, क्योंकि समय पर हुई वर्षा फसल की पोषिका होती है, असमय की वर्षा विनाशिनी होती है।




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