कालरी प्रबंधन की मनमानी से श्रमिकों में आक्रोश..... खदान मुहाडे से वापस लौटे श्रमिक..... संयुक्त श्रम संघ की मांग ठुकराई .....



चरचा कालरी....... राष्ट्रहित में अथक परिश्रम कर कोल इंडिया को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का फायदा देने वाले चरचा कालरी के कर्मचारियों का दुर्भाग्य है कि उनकी  जायज मांगों के प्रति  कालरी प्रबंधन पूरी तरह से मनमानी व हिटलर शाही पर उतारू है मंगलवार की रात्रि नाइट शिफ्ट में कार्य के दौरान आक्रोशित मजदूर प्रबंधन द्वारा बनाए गए पी एच डी लिस्ट के विरोध में खदान मुहाडे में जमकर भड़ास निकाले और बिना काम पर गए वापस घर लौट आए प्राप्त जानकारी के अनुसार विशेष पर्व त्योहारों के अवसर पर कार्य करने पर  कालरी कर्मचारियों को पीएचडी वेतनमान दिया जाता है  इस हेतु प्रबंधन द्वारा शर्त रखी जाती है कि कर्मचारी हफ्ते में 5 दिन काम किया हो या चार दिन किया हो तो हो तो उसे पीएचडी ड्यूटी दिया जाएगा यह प्रक्रिया विगत कई वर्षों से चली आ रही थी  24 अक्टूबर दशहरे के दिन पीएचडी ड्यूटी दी जानी थी किंतु उसके एक दिन पूर्व  कालरी प्रबंधन द्वारा मनमानी करते हुए ड्यूटी  हेतु  कतिपय लोगों के नाम की सूची नोटिस बोर्ड में लगा दी गई चर्चा कालरी के कई कर्मचारी आसपास दूर दराज के क्षेत्र से आते हैं जिन्हें इस सूची के बारे में पता नहीं चला और वह अपने निर्धारित समय पर ड्यूटी पर पहुंचे तो उन्हें वापस जाने का फरमान सुना दिया गया ड्यूटी पर पहुंचे श्रमिकों ने कहा कि यदि ड्यूटी देना है तो सबको दीजिए वरना कोई नहीं जाएगा जिस पर उपस्थित अधिकारी ने कहा कि हमें बिलासपुर मुख्यालय से आदेश है कि कम से कम कर्मचारियों को पीएचडी ड्यूटी में नियोजित किया जाए जिनका नाम नहीं है वह घर चले जाएं उन्हें अगली बार ड्यूटी दी जाएगी इसके पश्चात उपस्थित समस्त कर्मचारी वापस लौट गए

      संयुक्त श्रम संघों की मांगे दर किनार की गई..  विदित हो कि चर्चा क्षेत्र में पांच श्रम संगठन इंटेक् यूनियन, एटक यूनियन ,बीएमएस यूनियन ,एचएमएस यूनियन और सीटू यूनियन कार्यरत है  श्रम संगठनों के पदाधिकारी के द्वारा 10 दिन पूर्व 13 अक्टूबर को क्षेत्र प्रबंधक चर्चा को लिखित ज्ञापन मैं उल्लेखित किया गया है कि संयुक्त सलाहकार समिति के द्वारा पत्र दिया गया था उस पत्र के बाद प्रबंधन में बदलाव हो गया है जिसके कारण  संयुक्त श्रम संघ पत्राचार के माध्यम से आपको अवगत कराना चाहता है कि उस पत्र को ध्यान में रखते हुए आने वाले रविवार ड्यूटी और पीएचडी ड्यूटी के दिन  उत्पादन चालू रहने पर किसी भी कामगार को पूर्व की भांति निरंतर ड्यूटी दी जाए और किसी भी प्रकार की ड्यूटी लिस्ट ना बनाया जाए अगर प्रबंधन के द्वारा ड्यूटी लिस्ट बनाई जाती है तो संयुक्त ट्रेड यूनियन इसका घोर विरोध करेगी एवं संयुक्त श्रम संघ संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी पांचो यूनियनों के द्वारा प्रेषित इस महत्वपूर्ण पत्र के प्रति प्रबंधन का रवैया पूरी तरह हिटलर शाही का रहा श्रम संघों की मांग को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया देखना है कि अब यूनियन प्रतिनिधि श्रमिक हित में किस प्रकार की कार्यशाली अपनाएंगे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ